गांव अहमदपुर दारेवाला में बनछटियों के ढेरों में भयंकर आग: तेज हवा के चलते आग ने लिया और भी विकराल रूप, तूड़ा सुरक्षित रहा
**डबवाली, 31 मई:** डबवाली के गांव अहमदपुर दारेवाला के मम्मड़ खेड़ा रोड पर घरों के बीच खाली जगह पर पड़ी बनछटियों के ढेरों में अचानक आग लग गई। आसपास के लोगों ने अपने स्तर पर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग पर काबू पाना काफी मुश्किल साबित हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फायर ब्रिगेड को सूचना दी। कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
**घटना का विवरण**
महेंद्र सरावता के घर के पास खाली जगह पर आस-पास के लोगों द्वारा बनछटियों के ढेर लगाए गए थे। दोपहर में अचानक इन ढेरों में आग लग गई, जिससे आग भयावह रूप धारण कर गई। अत्यधिक गर्मी के कारण लोग अपने घरों में बैठे हुए थे। एक राहगीर ने आग की लपटों को देखा और आसपास के घरों को सूचना दी।
**आग की विकरालता**
तेज हवा के चलते आग ने और भी विकराल रूप ले लिया। गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और अपने घरों से पानी की बाल्टियों से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग इतनी तेज थी कि उस पर काबू पाना असंभव था। इसी दौरान पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचित किया गया।
**फायर ब्रिगेड का हस्तक्षेप**
सूचना के लगभग एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। तब तक हजारों क्विंटल मोटी लकड़ियाँ और बनछटियों के ढेर जलकर राख हो गए। गनीमत रही कि आग लगने के समय हवा का रुख नरम था, जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया।
**तूड़ा सुरक्षित रहा**
घटनास्थल पर लोगों ने पशुओं के लिए तूड़ी का भी भंडारण कर रखा था, जो सुरक्षित रहा। इस हादसे में किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
**घटना का विवरण**
महेंद्र सरावता के घर के पास खाली जगह पर आस-पास के लोगों द्वारा बनछटियों के ढेर लगाए गए थे। दोपहर में अचानक इन ढेरों में आग लग गई, जिससे आग भयावह रूप धारण कर गई। अत्यधिक गर्मी के कारण लोग अपने घरों में बैठे हुए थे। एक राहगीर ने आग की लपटों को देखा और आसपास के घरों को सूचना दी।
**आग की विकरालता**
तेज हवा के चलते आग ने और भी विकराल रूप ले लिया। गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और अपने घरों से पानी की बाल्टियों से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग इतनी तेज थी कि उस पर काबू पाना असंभव था। इसी दौरान पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचित किया गया।
**फायर ब्रिगेड का हस्तक्षेप**
सूचना के लगभग एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। तब तक हजारों क्विंटल मोटी लकड़ियाँ और बनछटियों के ढेर जलकर राख हो गए। गनीमत रही कि आग लगने के समय हवा का रुख नरम था, जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया।
**तूड़ा सुरक्षित रहा**
घटनास्थल पर लोगों ने पशुओं के लिए तूड़ी का भी भंडारण कर रखा था, जो सुरक्षित रहा। इस हादसे में किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
No comments:
Post a Comment