डबवाली में हिंसक बंदरों व आवारा कुत्तों के कारण लोगों का हुआ जीना मुहाल, ठोस कदम उठाए प्रशासन: अखिल भारतीय नारी शक्ति संस्था

संस्थापिता डा. प्रेम कांता व प्रधान सरिता अग्रवाल ने कहा, बंदरों व आवारा कुत्तों के कारण दहशत में हैं महिलाएं व बच्चे
डबवाली
शहर में घरों की छत्तों पर हिंसक बंदर व गलियों में घूम रहे आवारा कुत्तों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। खासकर महिलाएं व बच्चे दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं। इसे लेकर नगर की प्रमुख सामाजिक संस्था अखिल भारतीय नारी शक्ति संस्था ने नगरपरिषद व प्रशासन से बंदरों व कुत्तों पर नकेल कसने की पुरजोर मांग उठाई है।

संस्था की संस्थापिका डा. प्रेम कांता आहलूवालिया व प्रधान सरिता अग्रवाल ने कहा कि वीरवार को सरकारी अस्पताल की महिला चिकित्सक डा. शैली सिंह पर बंदरों द्वारा हमला किए जाने की घटना से शहर में दहशत ओर बढ़ी है। अस्पताल से अपने क्वार्टर में जाते समय बंदरों ने उन्हें घायल कर दिया और उनके हाथ में फ्रेक्चर तक हो गया है। इसके अलावा भी कई ऐसे घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें बंदरों के हमले से लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब बड़े ही अपने आप को बंदरों के हमले से नहीं बचा पा रहे तो बच्चों की हालत समझी जा सकती है। खासकर महिलाएं व बच्चे अपने घरों से बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं। घरों की छत्तों पर बंदर बैठे रहते हैं और गलियों में आवारा कुत्तों की भरमार हैं। गली मौहल्ले से गुजरते वाहनों की पीछे आवारा कुत्ते दौड़ते हैं तो वाहन चालक डर के कारण उसे ओर तेजी से भगा लेते हैं। ऐसे में वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने का डर रहता है। विशेषकर स्कूल व ट्यूशन आदि पर पैदल अथवा स्कूटी आदि से जाते हुए बच्चे खुद को कुत्तो के कारण काफी असुरक्षित महसूस करते हैं। कुत्तों द्वारा काटने से लोगों के घायल होने की भी अनेक मामले सामने आ चुके हैं। कई बार नगरपरिषद चेयरमैन व अधिकारियों को शिकायतें की गई हैं जोकि प्रशासन के भी संज्ञान में हैं लेकिन अभी तक घटनाओं को रोकने के लिए वे गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने अखिल भारतीय नारी शक्ति संस्था की ओर से डबवाली के एसडीएम व नगरपरिषद अधिकारियों से पुरजोर मांग की कि जल्द से जल्द बंदरों व कुत्तों को पकड़ कर शहर से बाहर भेजा जाए ताकि लोग सुरक्षित माहौल में रह सकें।

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