ग्रामीणों ने चेयरमैन देव कुमार शर्मा को मांगपत्र सौंप कर गांव डबवाली में डिजिटल लाइब्रेरी खोलने की मांग उठाई
शिक्षा प्रेरकों ने सरकार से हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत पहल के आधार पर रोजगार देने के मांग की
डबवाली
गांव डबवाली की गुरु रविदास धर्मशाला में शनिवार सुबह मा. सुरेंद्र सिंह, गुरचरण सिंह फौजी जिला पार्षद जोन न 1 व मलकीत सिंह सावंतखेड़ा की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ। इसमें विशेष तौर पर शामिल हुए हरियाणा बीज विकास निगम के चेयरमैन देव कुमार शर्मा को गांव के लोगों ने ज्ञापन सौंपा।
इसके माध्यम से गांववासियों ने कहा कि गांव डबवाली नेशनल हाइवे (डबवाली-दिल्ली), अमृतसर-जामनगर व कई गांवों के चौरस्ते पर है। गांव में डा. बी.आर. अम्बेडकर महाविद्यालय है जिसमें 20-25 गांवों व डबवाली शहर के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं।
ग्रामीणों ने मुख्य रूप से मांग उठाई कि गांव डबवाली में एक डिजिटल लाईब्रेरी जिसकी क्षमता कम से कम 50 से 70 सीटों की हो, मुहैया करवाई जाए। ग्रामीणों ने बताया कि हमारे पास डबवाली गांव में पर्याप्त बिल्डिंग (धर्मशाला/स्कूल) उपलब्ध है। गांववासियों ने कहा कि यहां डिजिटल लाइब्रेरी बनने से गांव डबवाली के साथ-साथ नजदीकी गांवों शेरगढ़, सकताखेड़ा, अलीकां, मौजगढ़, मसीतां, सावंतखेड़ा, दीवान खेड़ा, खुइयां, नीलांवाली, पान्ना, नीलांवाली, जोगेवाला, मांगेआना, हैबुआना, पान्ना, पन्नीवाला रुल्दु ,देसूजोधा, फुल्लो आदि अनेक गांवों के विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। यह कदम युवा वर्ग को नशों से दूर रखने में भी मदद करेगा तथा डबवाली इलाके के साथ-साथ देश की तरक्की में सहायक होगा। ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि बच्चों को दफनाने वाली श्मशान भूमि की चारदीवारी भी बनवाई जाए ताकि कुत्ते अथवा अन्य जानवर यहां दफनाए गए शवों को कोई नुकसान न पहुंचा पाएं। मौके पर हरनेक सिंह ,आत्मा सिंह, बलविंदर सिंह ,अंग्रेज सिंह, लाली मिस्त्री, छिंदर सिंह आदि मौजूद थे।
शिक्षा प्रेरकों ने भी सौंपा मांग पत्र:
इस मौके पर शिक्षा प्रेरकों ने भी चेयरमैन देव कुमार शर्मा को एक मांग पत्र सौंपा। उन्होंने साक्षर भारत मिशन से हटाए गए शिक्षा प्रेरकों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत पहल के आधार पर रोजगार देने के मांग उठाई। गुरजीत कौर, हरजीत कौर, वीरपाल, कपिल व अन्य ने बताया कि साक्षर भारत अभियान के तहत जून, 2017 में हटाए गए 5100 शिक्षा प्रेरक बेरोजगार हो गए हैं। वर्ष 2009 से 2017 तक साक्षर भारत अभियान में शिक्षा प्रेरकों ने हरियाणा के प्रत्येक गांव में अनपढ़ता के कलंक को मिटाने के लिए जी-तोड़ मेहनत की। प्रत्येक गांव में एक पुरुष और महिला शिक्षा प्रेरक की नियुक्ति की गई थी। इनको सरकार की तरफ से मात्र 2000 रुपये मानदेय दिया जाता था। अपने काम के अलावा शिक्षा प्रेरकों को सरकार ने अनेक योजनाओं में जोड़े रखा या जैसे स्वच्छ भारत अभियान, जनगणना के कार्य, जन-धन योजना, वोट बनाने का कार्य, बुढ़ापा पेंशन आदि अनेक योजनाओं में शिक्षा प्रेरकों ने काम किया व अपनी सेवाएं प्रदान की। 9 साल के कार्य के बाद हटाए जाने से अब उनका भविष्य अंधकारमय हो चुका है। शिक्षा प्रेरकों की आयु भी अब 45-47 के करीब हो चुकी है। उन्होंने मांग की कि सरकार के द्वारा चलाए गए हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत उन्हें भी रोजगार दिया जाए।
मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के समक्ष रखेंगे दोनों मांग पत्र: देव कुमार शर्मा
दोनों मांग पत्र लेने उपरांत देव कुमार शर्मा ने कहा कि हरियाणा की नायब सैनी सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व युवाओं को नशों से बचाने के नारे पर चलने वाली सरकार है। प्रदेश भर में बिना भेदभाव के लोगों की समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ सभी मांगों को मुख्यमंत्री द्वारा पूरा किया जा रहा है। उन्होंने सभी को विश्वास दिलाया कि वे हरियाणा के मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री तक उनकी मांग को पहुंचाकर जल्द से जल्द पूरा करवाने का प्रयास करेंगे।
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