डेरा जगमालवाली के डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहिब नहीं रहे,एक साल से बीमार थे,अंतिम दर्शन के लिए डेरे में रखी जाएगी पार्थिव देह, कल अंतिम संस्कार
डबवाली , 31 जुलाई – डेरा जगमालवाली के मुखिया महाराज बहादुर चंद वकील का आज सुबह निधन हो गया। वे पिछले एक साल से बीमार थे और कुछ दिनों से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। इस वजह से उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन से डेरा जगमालवाली में शोक की लहर दौड़ गई है।
डेरा प्रमुख के निधन के चलते 3-4 अगस्त को होने वाले सालाना समागम को रद्द कर दिया गया है। यह पहली बार है जब डेरे में कोई सालाना समागम नहीं हो रहा है। उनके श्रद्धालुओं में चिंता बनी हुई थी और डेरा मैनेजमेंट कमेटी लगातार हेल्थ बुलेटिन जारी कर सांत्वना दे रही थी।
डेरा मैनेजमेंट ने 31 जुलाई को हेल्थ बुलेटिन जारी कर कहा था, "सतगुरु की प्यारी साध संगत जी, परम पूज्य महाराज जी का इलाज बहुत ही अनुभवी व विशेषज्ञ डॉकटरों की टीम कर रही है और उनके स्वास्थ्य की स्थिति यथास्थिर बनी हुई है। इसलिए साध संगत से प्रार्थना है कि अस्पताल में आने के बजाय महाराज जी के जल्दी ठीक होने के लिए ज्यादा से ज्यादा सिमरन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।"
महाराज बहादुर चंद वकील का जन्म 10 दिसम्बर 1944 को चौटाला गांव में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूरी करने के बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज में दाखिला लिया। फिर चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1968 में कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली से जुड़ गए और 9 अगस्त 1998 को उन्हें डेरे की गद्दी सौंपी गई।
डेरा जगमालवाली की देश-विदेश में ख्याति है। कालांवाली मंडी से 8 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव, मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम के कारण प्रसिद्ध है। आश्रम का निर्माण बाबा सज्जन सिंह रूहल की दान दी हुई भूमि पर हुआ था। आज यह आश्रम एक विशाल रूप ले चुका है और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।
डेरा प्रमुख के अंतिम दर्शन आज शाम 3:30 बजे जगमालवाली डेरा में किए जाएंगे।
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