पराली जलाने की घटनाओं पर रोक के लिए डीसी और एसएसपी का गाँवों में दौरा, किसानों को जागरूक किया
श्री मुक्तसर साहिब, 8 नवंबर:पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाने और किसानों को जागरूक करने के लिए श्री मुक्तसर साहिब के डिप्टी कमिश्नर श्री राजेश त्रिपाठी और एसएसपी श्री तुषार गुप्ता ने गाँवों का दौरा किया। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के तहत जिला प्रशासन ने पराली प्रबंधन को लेकर सख्त कदम उठाए हैं, ताकि वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। जिले भर में किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है, साथ ही पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है।
डीसी और एसएसपी ने गाँव गोनियाना, महाबद्धर और भागसर का दौरा कर खेतों में जाकर किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान कई किसानों द्वारा खेतों में लगाई गई आग को बुझाया गया। अधिकारियों ने किसानों से पराली को आग न लगाने की अपील की और उन्हें इसे खाद के रूप में उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पराली को जमीन में मिलाकर गेहूं की बुवाई की जा सकती है, जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और अगली फसल की पैदावार में सुधार होता है।
जागरूकता अभियान जारी, पंचायती सहयोग से रोकने का प्रयास
जिला प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से गाँवों में जाकर पंचायतों और किसानों को पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही किसानों से पराली को जलाने से परहेज करने की शपथ भी दिलवाई जा रही है। डीसी ने कहा कि पराली जलाने की बजाय इसे खाद के रूप में उपयोग करके जहाँ पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है, वहीं खेतों की उर्वरता भी बनी रहती है।
डीसी श्री त्रिपाठी और एसएसपी श्री गुप्ता ने किसानों को पराली प्रबंधन में सक्रिय सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने से वायु प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता भी कम होती है। इससे बचने के लिए किसान पराली को खाद के रूप में इस्तेमाल करें और पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखें।
Labels:
punjab
No comments:
Post a Comment