health
[health][bsummary]
sports
[sports][bigposts]
entertainment
[entertainment][twocolumns]
Comments
आज के बच्चों की पढ़ाई के प्रति अनिच्छा: एक सामाजिक और मानसिक विश्लेषण आचार्य रमेश सचदेवा
आजकल के बच्चों में पढ़ाई के प्रति अनिच्छा की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। माता-पिता, शिक्षक, स्कूल और ट्यूशन शिक्षक सभी यह शिकायत करते हैं कि बच्चे अब पहले की तरह पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं दिखाते। वर्तमान में यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसका समाधान खोजना अति आवश्यक है, क्योंकि शिक्षा समाज के विकास और बच्चे के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस समस्या के पीछे अनेकों कारण हैं। सबसे पहला कारण है तकनीकी विकास और डिजिटल संसार। आजकल बच्चे स्मार्टफोन, सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स और इंटरनेट की दुनिया में इतना खो जाते हैं कि उन्हें किताबों और पढ़ाई से बहुत कम संबंध होता है। इंटरनेट पर उन्हें ढेरों मनोरंजन के विकल्प मिल जाते हैं, जो पढ़ाई से कहीं ज्यादा आकर्षक और सहज लगते हैं। इस कारण बच्चे वास्तविक शिक्षा के प्रति उदासीन होते जा रहे हैं।
दूसरी महत्वपूर्ण वजह है पारंपरिक शिक्षा प्रणाली। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में कई बार बच्चों के प्राकृतिक रुचियों और विचारों को अनदेखा कर दिया जाता है। अधिकांश विद्यालयों में शिक्षा सिर्फ रटने और परीक्षा में अच्छे अंक लाने पर केंद्रित होती है, जबकि बच्चों के वास्तविक रुचियों और समझ को बढ़ावा देने के लिए अधिक क्रिएटिव और इंटरएक्टिव तरीकों की आवश्यकता है। जब बच्चे खुद को दबाव में महसूस करते हैं, तो उनका मनोबल गिरता है और पढ़ाई में रुचि कम होती जाती है।
माता-पिता का अत्यधिक दबाव भी एक महत्वपूर्ण कारण है। कई बार बच्चे माता-पिता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मानसिक दबाव में आते हैं, जो उन्हें पढ़ाई से दूर कर देता है। बच्चों को उनकी रुचियों और पसंद के अनुसार शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे स्वयं को प्रेरित महसूस करें और पढ़ाई में मज़ा आए।
इसके अलावा, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित कर सकता है। बच्चों में बढ़ते मानसिक दबाव, अवसाद, और आत्म-संवेदनशीलता की समस्याएं बढ़ रही हैं, जो उनके शैक्षिक प्रदर्शन को प्रभावित करती हैं। बच्चों को मानसिक रूप से स्वस्थ और खुश रखने के लिए एक संतुलित जीवनशैली जरूरी है, जिसमें खेल, मनोरंजन और पढ़ाई का सही संतुलन हो।
आज के समय में फास्ट फूड ने हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है और यह भी एक कारक सिद्ध हो रहा है। फास्ट फूड का बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे मोटापा, मधुमेह और अन्य बीमारियाँ बढ़ रही हैं। यह उनके मानसिक विकास को भी प्रभावित करता है, क्योंकि पोषण की कमी से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता घटती है। दूसरी ओर, शिक्षा के प्रति उदासीनता बच्चों के बौद्धिक विकास को बाधित करती है। पढ़ाई से दूरी उन्हें अनुशासन और आत्मनिर्भरता से वंचित कर देती है, जो उनके भविष्य में चुनौतियों का सामना करने की क्षमता को कमजोर करती है। फास्ट फूड की आदत और शिक्षा में रुचि की कमी दोनों मिलकर बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर गंभीर प्रभाव डालते हैं। इसके समाधान के लिए सही खानपान और शिक्षा के प्रति जागरूकता जरूरी है।
इसे समाधान की बात करें तो सर्वप्रथम हमें शिक्षा के प्रति बच्चों की रुचि को बढ़ाने के लिए नई, आकर्षक और इंटरएक्टिव विधियों को अपनाना होगा। बच्चों को उनके रुचियों के अनुसार सीखने का अवसर देना, मानसिक दबाव कम करना, और तकनीकी साधनों का सही दिशा में उपयोग करना जरूरी है। इसके साथ ही, माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए, सकारात्मक और सहायक वातावरण प्रदान करना भी आवश्यक है।
कुल मिलाकर, बच्चों का पढ़ाई के प्रति अरुचि एक जटिल सामाजिक और मानसिक समस्या है, जिसे समझदारी और सहानुभूति के साथ हल किया जा सकता है।
आचार्य रमेश सचदेवा
स्वतंत्र लेखाकार
निदेशक
ऐजू स्टेप फाउंडेशन
Labels:
education
Related Posts
आज के बच्चों की पढ़ाई के प्रति अनिच्छा: एक सामाजिक और मानसिक विश्लेषण आचार्य रमेश सचदेवा
Reviewed by DabwaliNews
on
4:43:00 PM
Rating: 5
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE
क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
Translate
Subscribe Us
social links
[socialcounter]
[facebook][https://www.facebook.com/dabwalinews/][4.2k]
[twitter][https://twitter.com/dabwalinews][1.2k]
[youtube][https://www.youtube.com/c/dabwalinews][23k]
[linkedin][#][230]
Wikipedia
Search results
sponsored
Gurasees Homeopathic Clinic
Popular Posts
-
BREAKING NEWS #dabwalinews.com हरियाणा के डबवाली में एक मसाज सेंटर पर पुलिस छापे का सनसनीखेज खुलासा हुआ है.पुलिस ने देर रात म...
-
दुल्हन के तेवर देख दुल्हे वालों ने बुलाई पुलिस चंडीगढ़ में रहने वाली लडक़ी की डबवाली के युवक से हुआ था विवाह #dabwalinews.com Exclusiv...
-
कुमार मुकेश, भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटन...
-
DabwaliNews.com दोस्तों जैसे सभी को पता है के कैसे डबवाली उपमंडल के कुछ ग्रामीण इलाकों में बल काटने वाले गिरोह की दहशत से लोगो में अ...
-
#dabwalinews.com पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल पर बुधवार को एक युवक द्वारा उनके ही विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जू...
-
dabwalinews.com डबवाली। डबवाली में गांव जंडवाला बिश्नोई के नजदीक एक ढाणी में पंजाब व हरियाणा पुलिस की 3 गैंगस्टर के बीच मुठभेड़ हो गई। इस...
-
BREAKING NEWS लॉकडाउन 4. 0 डबवाली में कोरोना ने दी दस्तक डबवाली के प्रेम नगर व रवि दास नगर में पंजाब से अपने रिश्तेदार के घर मिलने आई म...
No comments:
Post a Comment