हरियाणा में राजनीतिक खींचतान, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को हाईकोर्ट का नोटिस
हरियाणा के सिरसा से बीजेपी की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। यह मामला फतेहाबाद की रतिया पंचायत समिति के चेयरमैन केवल कृष्ण मेहता से जुड़ा है, जिन पर अपहरण का केस दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट ने मामले में दुग्गल को भी पक्षकार बनाया है।
क्या है पूरा मामला?
1 जनवरी को पुलिस ने केवल कृष्ण के खिलाफ समिति के सदस्य नवीन कुमार के अपहरण का केस दर्ज किया था। शिकायत नवीन के भाई सतबीर ने दी थी। लेकिन अगले ही दिन नवीन मीडिया के सामने आए और बताया कि वह काम के सिलसिले में गुरुग्राम गए थे, और उनका अपहरण नहीं हुआ था।
इस बीच, चेयरमैन केवल कृष्ण ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यह मामला उन्हें राजनीतिक तौर पर निशाना बनाने के लिए गढ़ा गया है। कृष्ण के वकील अमित खटकर ने अदालत में दावा किया कि विधानसभा चुनाव में सुनीता दुग्गल ने केवल कृष्ण से समर्थन मांगा था। जब उन्होंने इनकार किया, तो दुग्गल ने बदले की भावना से यह साजिश रची।
चेयरमैन की कुर्सी पर मंडराया था संकट
19 नवंबर 2024 को रतिया पंचायत समिति के 22 में से 16 सदस्यों ने चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का लेटर सौंपा था। हालांकि, 3 जनवरी को आयोजित मतदान में सिर्फ 12 सदस्य पहुंचे, जबकि प्रस्ताव पास करने के लिए 16 सदस्यों की जरूरत थी। ऐसे में केवल कृष्ण की कुर्सी बच गई।
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने केवल कृष्ण के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर एक सप्ताह की रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता यह साबित करता है कि मामला राजनीतिक द्वेष के तहत दर्ज हुआ है, तो कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया जा सकता है।
सुनीता दुग्गल का बयान
पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा, "मुझे अभी हाईकोर्ट का नोटिस नहीं मिला है। यदि राजनीतिक द्वेष की भावना से मेरा नाम लिया जा रहा है, तो मैं कानूनी कार्रवाई करूंगी। फिलहाल मैं दिल्ली चुनाव में व्यस्त हूं।"
No comments:
Post a Comment