खुशदिल की रचनाओं ने हर दिल को छुआ: गोपाल सिंह
डबवाली, 25 जनवरी
शहर के प्रसिद्ध पंजाबी साहित्यकार स्व. हरचंद सिंह खुशदिल की याद में गुरु नानक कॉलेज के सांस्कृतिक हॉल में ‘खुशदिल लम्हात’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वरच्युस क्लब और एलुमनाई एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में खुशदिल की गजलों, कविताओं, कहानियों और चित्रकला पर चर्चा हुई। साथ ही उनकी पेंटिंग्स की प्रदर्शनी और संगीतमय श्रद्धांजलि ने सभी को भावुक कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज की एनसीसी टुकड़ी और पंजाबी विभाग की छात्राओं ने मुख्य अतिथि रिटायर्ड एसडीएम गोपाल सिंह और कार्यक्रम अध्यक्ष रिटायर्ड सेशन जज जेएस खुशदिल के स्वागत से की। वरच्युस क्लब के संस्थापक केशव शर्मा ने स्व. हरचंद सिंह खुशदिल के बहुआयामी व्यक्तित्व को याद करते हुए बताया कि वे कवि, कहानीकार, एंकर, नाटककार, चित्रकार और जादूगर भी थे।
मुख्य अतिथि गोपाल सिंह ने कहा, "खुशदिल की रचनाओं में छुपे दर्द और संवेदनाएं हर व्यक्ति को खुद से जोड़ती हैं। उनके लेखन का हर शब्द मानवीय भावनाओं को गहराई से छूता है। डबवाली जैसे छोटे शहर में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन शहरवासियों की साहित्यिक सोच को दर्शाता है।"
कार्यक्रम अध्यक्ष जेएस खुशदिल, जो उनके परिवार से हैं, ने कहा, "उनकी रचनाओं को एकत्र कर पुस्तक रूप में प्रकाशित करना चुनौतीपूर्ण जरूर था, लेकिन यह गर्व की बात है कि हम उनकी कला यात्रा का हिस्सा बन सके।"
कार्यक्रम में मौजूद साहित्यकारों ने स्व. हरचंद सिंह खुशदिल की चर्चित रचनाओं ‘रंगा ते शब्दा दा जादूगर’, ‘चांद की ओर’ और ‘साडा लुटेया शहर भंबोर’ पर अपने विचार साझा किए। गायक जसदीप सिंह, रसदीप सिंह और वंदना वाणी ने उनकी रचनाओं पर आधारित गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
एलुमनाई एसोसिएशन के सचिव सीए मनोहर लाल ग्रोवर ने संघ की वार्षिक रिपोर्ट पेश की और विद्यार्थियों को खुशदिल के साहित्य से प्रेरणा लेने की बात कही। नामधारी समाज और अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन ने जेएस खुशदिल को सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अंत में प्रधान हरदेव गोरखी और परमजीत कोचर ने सभी का धन्यवाद किया। इस आयोजन में साहित्यकारों, कलाकारों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
संजीव शाद ने अपने अनोखे अंदाज में कार्यक्रम का संचालन किया, जिससे हर क्षण यादगार बन गया।
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