सरकारी खरीद से पहले आढ़तियों की बड़ी बैठक, DFSC को सौंपा मांगपत्र
आगामी गेहूं खरीद सीजन को लेकर जिला एसोसिएशन आढ़तियान सिरसा के पदाधिकारियों ने DFSC सिरसा मुकेश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान विभिन्न मंडियों—सिरसा, कालांवाली, रानियां, जीवननगर, डिंग मंडी, रोड़ी, डबवाली और ऐलनाबाद से आए प्रतिनिधियों ने खरीद प्रक्रिया में आने वाली संभावित दिक्कतों पर चर्चा की। बैठक में DFSC ने आढ़तियों को ट्रांसपोर्ट का कार्य सौंपने का प्रस्ताव रखा, जिस पर आढ़तियों ने अपनी शर्तों के साथ सहमति जताई।
एसोसिएशन ने दी ये शर्तें:
पुराने रेट से 25% अधिक किराया मिले।
पंजाब की तर्ज पर ट्रकों के अलावा ट्रैक्टर-ट्रॉली से भी उठान की अनुमति हो।
निर्धारित समय पर अनलोडिंग हो, देरी पर मुआवजा दिया जाए।
गोदाम लिंकिंग पास वाली मंडियों के अनुसार हो।
इसके अलावा, आढ़तियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि उठान में देरी की वजह से नमी में बदलाव होता है तो उसकी जिम्मेदारी आढ़तियों की नहीं होगी। साथ ही, किसानों को भुगतान 72 घंटे में करने और "मेरी फसल, मेरा ब्योरा" पोर्टल में त्रुटि सुधार का अधिकार स्थानीय मार्केट कमेटी को देने की मांग भी उठाई गई।
बोनस नहीं तो हरियाणा में नहीं बिकेगी गेहूं!
जिला महासचिव गुरदीप कामरा ने बताया कि एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में भी गेहूं पर ₹200 प्रति क्विंटल बोनस देने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार यह घोषणा नहीं करती, तो किसान सीमावर्ती राज्यों में अपनी फसल बेचने को मजबूर हो जाएंगे।
बैठक में ये रहे मौजूद, इस बैठक में सिरसा मंडी प्रधान प्रेम बजाज, ऐलनाबाद प्रधान अजय झोरड़, कालांवाली प्रधान गिरधारी लाल झोरड़, रानियां प्रधान सोम प्रकाश जैन, रोड़ी प्रधान फुल चंद जैन, जीवननगर से कार्यकारी प्रधान बुटा सिंह, डिंग मंडी प्रधान मनोज खुराना, सिरसा सचिव राजेंद्र नड्डा, राजेश सुधा, विजय चौधरी (प्रदेश सचिव), सुखराम कालांवाली समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा, रुली चंद गांधी भी इस अहम बैठक में शामिल रहे।
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